अब निकाह के वक्त काज़ी ये कहेगा, मुस्लिम बोर्ड की नई गाइडलाइंस
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नई गाइडलाइंस जारी की है।अब भारत में मुस्लिम समुदाय में निकाह इसी नई गाइडलाइंस के हिसाब से होगा|
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नई गाइडलाइंस जारी की है।अब भारत में मुस्लिम समुदाय में निकाह इसी नई गाइडलाइंस के हिसाब से होगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नई गाइडलाइंस जारी की है। सुप्रीम कोर्ट को भी इस नई गाइडलाइंस के बारे में बताया गया है। अब भारत में मुस्लिम समुदाय में निकाह इसी नई गाइडलाइंस के हिसाब से होगा।
निकाह का नया नियम
निकाह के वक्त काज़ी कहेगा अगर पति-पत्नी में झगड़ा हुआ तो पहले आपस में सुलझाएंगे। अगर नहीं सुलझा तो दोनों के घरवालों को बात करनी होगी। इसके बाद भी अगर मियां बीवी के बीच मामला नहीं सुलझता तो फिर तलाक होगा। लेकिन वो एक साथ तलाक…तलाक तलाक बोलने से नहीं होगा। शौहर को इद्दत का पूरा वक्त देना होगा। इद्दत के दौरान अगर कोई पति पत्नी के बीच सुलह हो गई तो फिर दोनों साथ रह सकते हैं। लेकिन अगर सुलह नहीं हुई तभी तलाक होगा।
निकाह का दूसरा नियम
काज़ी ये भी बताएगा अगर इद्दत के दौरान बीवी मां बनने वाली है तो फिर इद्दत का वक्त बच्चे के पैदा होने तक बढ़ा दिया जाएगा। अगर मेहर की रकम अदा नहीं की गई तो शौहर को खर्च उठाना पड़ेगा। अगर इस लंबे इद्दत के दौरान मियां बीवी फिर साथ रहने के लिए तैयार हो गए तो तलाक नहीं होगा। ये भी तय हुआ है कि कम से कम एक महीने पर ही दूसरा तलाक बोला जाएगा। मतलब इद्दत का वक्त कम से कम तीन महीने का होगा और कम से कम तीन महीने पति-पत्नी को मनमुटाव सुलझाने के लिए मिलेंगे